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बिहार राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट बीते कई साल से बंद है ,

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट बीते कई साल से बंद है. आयोग में बिना सूचना दिए आवेदनों को बंद कर दिया जाता है. RTI कार्यकर्ताओं ने राज्य सूचना आयोग पर ये आरोप लगाया है. RTI कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आयोग खुद पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहा है. यहां वित्तीय मामलों में भी गड़बड़ी हो रही है. इन सब आरोपों को लेकर नागरिक अधिकार मंच के बैनर तले RTI कार्यकर्ताओं ने राज्य की अदालत में आयोग के खिलाफ अपील की है. बिहार के सूचना के अधिकार (RTI) एक्टिविस्टों की संस्था ‘नागरिक अधिकार मंच’ ने राज्य सूचना आयोग पर सूचना नहीं देने का आरोप लगाया है.

सूचना कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने राज्य सूचना आयोग से राज्य आयोग कार्यालय में पदस्थापित अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी RTI के तहत मांगी थी. शिवप्रकाश राय के मुताबिक आयोग कार्यालय में कुछ कर्मी और पदाधिकारी लंबे समय पदस्थापित हैं और यही लोग सूचना देने में गड़बड़ी करते हैं.यही वजह है कि उन्होंने जानकारी मांगी थी कि कौन से पदाधिकारी आयोग में कब से पदास्थापित हैं. लेकिन आयोग में कोई रजिस्टर्ड मेंटेन नही है.

 बिहार पुलिस मुख्यालय अक्सर हिदायत देती है की कानून व कोर्ट के आदेश का पालन ससमय किया जाए लेकिन कुछ ऐसे अड़ियल पुलिस पदाधिकारी है जिनके लापरवाही के कारण पुरे महकमे को शर्मसार होना पड़ता हैं । सूचना आयोग ने ससमय और आयोग के निर्देश के बावजूद सूचना नहीं देने पर पटना एक एसएचओ को 25 हजार रूपये का आर्थिक दंड लगाया हैं वहीं वर्तमान थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश एसएसपी पटना को दिया हैं ।

आम जनों का सबसे मजबूत हथियार ,सूचना का अधिकार को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा हैं । सूचना मांगने पर पड़तारित किया जाता है या फिर साजिशतन फंसाकर जेल तक भेज दिया जाता हैं । इसके कई मामले सूचना आयोग, बिहार मानवाधिकार आयोग एवं पुलिस मुख्यालय तक पहुंच चुका हैं एवं खबरें भी प्रकाशित हुई हैं । पटना जिले के बहुत सारे थाने में काम कम मीटिंग का बहाना ज्यादा बनाया जा रहा है और जनता को धोखा देने काम करते है ,उल्टे जेल भेजने की धमकी देते है ।

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