•   Patna - 800020 (Bihar)
logo

सोसल मीडिया पत्रकारिता का माध्यम नही है 

Blog single photo

सोशल मीडिया पर पत्रकार बनने की कोशिश न करें,वरना हो सकते हैं परेशान
सोसल मीडिया पत्रकारिता का माध्यम नही है 
यूथ एजेंडा 

जी हाँ ! यदि आप पत्रकार नहीं हैं तो आपको एक मुफ़्त की सलाह है की आप सोशल मीडिया पर पत्रकार बनने की कोशिश कदापि न करें  वरना आप काफी परेशान हो सकते हैं और आपका बिजनस और आपकी नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है।
आजकल सोशल मीडिया के व्हाट्स एप ग्रूप ,फेसबुक या अन्य ऐप्स पर पत्रकारों  से अधिक आम पब्लिक के द्वारा पोस्ट किये गए आधे-अधूरे और उलटे-सीधे समाचार भारी मात्रा में देखने को मिल रहे हैं, जिनके पोस्टकर्ता खुद पत्रकार नहीं हैं बल्कि वे इधर-उधर से अधकचरी और अपुष्ट खबर उठाकर अन्य जगहों पर पोस्ट करते हैं और खुद को एक बेहतर पत्रकार साबित करने की कोशिश करते हैं। 
बता दें कि खबर पोस्ट करने के बाद न उनके पास उक्त खबर से सम्बंधित कोई अन्य जानकारी होती है और न ही उनके पास उस खबर से सम्बंधित कोई साक्ष्य या सबूत होता है।


आपको बता दें कि सम्बंधित इलाके का कोई वास्तविक पत्रकार जबतक किसी घटना या प्रकरण की पुष्टि  करता है और उसे बेहतर खबर बनाने की कोशिश करता है तबतक ऐसे लोगों की अधकचरी,अधूरी और कहीं से चुराई हुई खबर  सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगती है।  शायद ऐसे लोगो को ज्ञात नहीं है की उनके द्वारा पोस्ट की गई कोई भी खबर अथवा सामग्री किसी व्यक्ति,कंपनी, सस्था,समूह या परिवार से जुडी होती है।
जब आप ऐसी कोई अधूरी या अधकचरी खबर या सामग्री बगैर साक्ष्य या सबूत के सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं  तो उस पोस्ट की पूरी जिम्मेदारी और जबाबदेही सिर्फ और सिर्फ पोस्ट करने वालों की होती है, उस खबर को आपने चाहे जहाँ से लिया हो उससे कोई फर्क नही पड़ता।
आपको शायद ये भी ज्ञात नहीं होगा की आपकी ऐसी किसी पोस्ट से पुलिस या सरकार को भले ही कोई दिक्कत न हो किन्तु जिस व्यक्ति या संस्था आदि से जुडी आपकी पोस्ट होगी उस व्यक्ति या संस्था या उसके परिवार को कई बार उस पोस्ट से ठेस अवश्य पहुँचती होगी।जब कोई जानकार और अनुभवी पत्रकार ऐसे किसी खबर को प्रकाशित या प्रसारित करता है तब वह उक्त खबर से जुड़े अनेक सबूत अपने पास कई माह तक सुरक्षित रखता है किन्तु शायद आपके पास ऐसा कोई सबूत या साक्ष्य नही होता।


ये भी जान लें कि पत्रकार साथी कोई भी खबर वायरल करने से पूर्व लिखित सबूत, वीडियो या ऑडियो रिकार्डिंग या शिकायत/ आरोप की कॉपी अपने स्मार्टफोन,कम्प्यूटर,लैपटाप या पेन ड्राइव आदि में महीनो के लिए सुरक्षित कर लेते हैं, तब कोई भी खबर प्रकाशित या प्रसारित करते हैं।
आप इधर से उठाये और उधर पटक दिए,न साक्ष्य न सबूत और न ही घटना की सम्पूर्ण जानकारी।किसी के पूछने पर सिर्फ एक जबाब की कहीं से आई तो आगे बढ़ा दिया।
ऐसे में यदि सोशल मीडिया पर पोस्ट आपकी किसी भी खबर से किसी व्यक्ति या संस्था को जरा-सी भी ठेस आई या उसको आपके किसी भी पोस्ट से ऐतराज हुआ तो आपको बताये बगैर ही वो आपके खिलाफ कोर्टकेस कर देगा या पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। तब बाद में जाकर आपको इसकी जानकारी होगी।तब,आप ये भी नहीं कह सकते कि आपने अमुक खबर को नही पोस्ट की है क्योंकि ऐसे लोग शिकायत करने से पूर्व आपके पोस्ट का डिटेल स्क्रीनशाट विधि द्वारा सुरक्षित रख लेते हैं जिसमें आपके नंबर,डेट व टाइम सहित पूरी जानकारी होती है की उसे कब और कहाँ अथवा किसके द्वारा पोस्ट किया गया है।
अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद वह व्यक्ति अपना बिजनस या नौकरी छोड़कर कोर्ट-कचहरी और पुलिस की गणेश परिक्रमा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे और पोस्ट की गई खबर से सम्बंधित कोई भी सबूत कार्रवाई शुरू होने के महीनों  बाद जब नहीं दे पाएंगे तो आगे क्या होगा आप वो खुद ही सोच सकते हैं.......

*इसलिए आप यदि पत्रकार नहीं हैं तो ऐसे पोस्ट से बचें और यदि आपके इलाके में कोई समस्या या घटना हो तो पत्रकारो के सूचनार्थ उसे अवश्य वायरल करें किन्तु एक जानकारी के तहत,वो भी जिस मामले से आप भली भाँती परिचित हों,जिसे खुद देखा हो और उसके फोटो या वीडियो आपके पास हो। खासकर इस तरह की फेक खबर अगर किसी ग्रुप में आती है तो डालने वाले की तरह ही ग्रुप एडमिन भी जिम्मेवार होते हैं और दोनों के लिए दंड समान ही बनता है ।

RDNEWS24.COM

Top