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सीबीआई की विशेष अदालत ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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 राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान दिल्ली के द्वारा राष्ट्रीय स्तर के महिला जागरूकता सह कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कई राज्य से समाजसेवी दिल्ली पहुंची I 26 से 28 जुलाई तक आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से सम्मानित राजधानी पटना की समाज सेविका, डॉ नम्रता आनंद, समस्तीपुर से संजय कुमार बबलू, उत्तर प्रदेश की समाज सेविका कविता मुखारिया, बेगूसराय से ब्रजेश कुमार प्रभाकर कुमार राय, एकता युवा मंडल सैदपुर समस्तीपुर के संस्थापक मोहम्मद एजाज, रीना शर्मा, निर्मला पाठक जैसे कई हस्तियां भाग ले रही हैं। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में महिलाओं के विकास में सामाजिक संगठनों की भूमिका पर चर्चा हुयी। प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती प्रेमा पांडे सह निदेशक ने बताया इस प्रशिक्षण से देश की महिलाओ के रहन सहन में सुधार होगा और सफल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।

इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने कहा, महिला उद्यमिता को किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। महिला उद्यमी न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाती हैं, बल्कि दूसरों के लिए आत्म निर्भर बनाने का काम  करती है अपना आगे बढ़ना ही उन्नति नहीं I दवे कुचले, प्रताड़ित महिला पुरुष सभी वर्गों के  लोग को बढ़ाना ही  राष्ट् निर्माण है रीता सिंह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड में एक लड़की के लापता होने के मामले में नई प्राथमिकी दर्ज की है, जिसे फर्जी दास्तेवेजों के आधार पर वर्ष 2015 में उसके माता-पिता के पास भेजने की जानकारी दी गई थी। मुजफ्फरपुर का बालिका आश्रय गृह 2018 में इसमें रहने वाली लड़कियों की कथित यौन उत्पीड़न का खुलासा होने के बाद चर्चा में आया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ठाकुर का गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) उक्त बालिका गृह चलाता था। सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लड़की के 2015 में अपने माता-पिता से मिलने का जिक्र केवल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड में एक लड़की के लापता होने के मामले में नई प्राथमिकी दर्ज की है, जिसे फर्जी दास्तेवेजों के आधार पर वर्ष 2015 में उसके माता-पिता के पास भेजने की जानकारी दी गई थी। मुजफ्फरपुर का बालिका आश्रय गृह 2018 में इसमें रहने वाली लड़कियों की कथित यौन उत्पीड़न का खुलासा होने के बाद चर्चा में आया था।

सीबीआई की विशेष अदालत ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ठाकुर का गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) उक्त बालिका गृह चलाता था। सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लड़की के 2015 में अपने माता-पिता से मिलने का जिक्र केवल कागजी है, लेकिन वह अब भी लापता है। प्राथमिकी में कहा गया, ‘‘मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग एक नाबालिग लड़की को सीतामढ़ी की बाल कल्याण समिति के 10 नवंबर 2015 के आदेश का अनुपालन की पृष्ठभूमि में उसी दिन उसके पिता को सौंपने का जिक्र है।” एजेंसी ने बताया कि जब उसने मामले की गहराई से जांच की तो पाया कि जिस व्यक्ति ने बालिका का पिता होने का दावा किया था उसका और उसकी पत्नी का मतदाता पहचान पत्र फर्जी है I

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