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दिखावे के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है

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बिहार के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं कहते हैं भ्रष्टाचारी को किसी कीमत पर नहीं बख्शेंगे. दिखावे के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है. लेकिन यह सब आई वॉश है. यहां तो भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले सरकारी सेवकों को सम्मानित किया जाता है. भ्रष्टाचार के आरोपियों को इनाम के तौर पर अतिरिक्त प्रभार से नवाजा जाता है. समाज कल्याण विभाग ने यह खेल किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विधायक ने भ्रष्टाचार के आरोपी सीडीपीओ के खिलाफ सबूत के साथ शिकायत दर्ज किया. समाज कल्याण विभाग ने डीएम से जांच कराई. जांच में आरोप सही पाये इनाम
तौर पर अतिरिक्त प्रभार से नवाजा जाता है. समाज कल्याण विभाग ने यह खेल किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विधायक ने भ्रष्टाचार के आरोपी सीडीपीओ के खिलाफ सबूत के साथ शिकायत दर्ज किया I

समाज कल्याण विभाग ने डीएम से जांच कराई. जांच में आरोप सही पाये गए. इसके बाद विभाग ने बड़ा खेल किया. जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी सीडीपीओ को वहां से हटाकर पड़ोसी जिला के प्रखंड में पदस्थापित कर दिया. लगे हाथ आरोपी अधिकारी को दो और ब्लॉक का अतिरिक्त प्रभार दे दिया. यानि जांच में भ्रष्टाचार के आरोप सही पाये जाने के बाद भी समाज कल्याण विभाग ने वैसे गैर जिम्मेदार अफसर को एक ही दिन में तीन ब्लॉक के सीडीपीओ का प्रभार दे दिया. डीएम की रिपोर्ट को दबा कर बना दिया तीन प्रखंड का सीडीपीओ पश्चिम चंपारण डीएम की जांच प्रतिवेदन की समीक्षा विभाग के स्तर पर की गई

 इसके बाद बगहा-02 के तत्कालीन आरोपी सीडीपीओ रंजीत कुमार से 15 जून 2023 को जवाब मांगा गया. इसी बीच समाज कल्याण विभाग ने बड़ा खेल किया. 30 जून 2023 को विभाग ने बगहा-2 के आरोपी सीडीपीओ रंजीत का ट्रांसफऱ कर दिया. उन्हें पड़ोसी जिला पूर्वी चंपारण के हरसिद्धी ब्लॉक का सीडीपीओ बना दिया गया. साथ ही विभाग ने सुगौली और आदापुर प्रखंड के सीडीपीओ का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया. इस तरह से आरोपी अफसर को तीन-तीन प्रखंड का काम मिल गया अक्टूबर को विभागीय कार्यवाही चलाने का लिया गया है निर्णय 

समाज कल्याण विभाग ने आरोपी सीडीपीओ रंजीत कुमार से आरोप के संबंध में 15 जून को जवाब मांगा था. इसके बाद इनका ट्रांसफऱ कर दिया गया. आरोपी सीडीपीओ ने 3 जुलाई 2023 को अपना लिखित जवाब विभाग उपलब्ध कराया. जवाब की समीक्षा अनुशासनिक प्राधिकार के द्वारा की गई. इसके बाद विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया. समाज कल्याण विभाग ने 4 अक्टूबर को विशेष कार्य पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया है.  हद है...सत्ताधारी विधायक ने भ्रष्टाचार के आरोपी सीडीपीओ के खिलाफ कंप्लेंन किया. डीएम ने जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाया. इसके बाद भी विभाग की तरफ से आरोपी अधिकारी को इनाम दे दिया गया. पूरे प्रकरण में विभाग भी कटघरे में है I

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