•   Patna - 800020 (Bihar)
logo

आज दिनांक 11/11/2023 को 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल जयनगर  के प्रांगण में डॉक्टर विवेकानंदन राय द्वारा

Blog single photo

आज दिनांक 11/11/2023 को 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल जयनगर  के प्रांगण में श्री गोविंद सिंह भंडारी कमांडेंट 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल जयनगर के निर्देशानुसार वाहिनी मुख्यालय जयनगर में जवानो को, आयुर्वेदिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कमलावारी जयनगर के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विवेकानंदन राय द्वारा आयुर्वेद की जानकारी दी गई तथा इससे होने वाले लाभों के बारे मे जागरूक किया गया । डॉक्टर विवेकानंदन राय द्वारा आयुर्वेद पर प्रकाश डालते हुए बताया की  आयुर्वेद का जन्मक लगभग 3 हजार वर्ष पहले भारत में हुआ था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी आयुर्वेद को एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया है।आयुर्वेद विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “जीवन का ज्ञान”। इसका जन्म लगभग 3 हजार वर्ष पहले भारत में ही हुआ था। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति  की तुलना कभी भी मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम से नहीं की जा सकती है, क्योंकि इनका शरीर पर काम करने का तरीका एक-दूसरे से काफी अलग रहा है। जहां एलोपैथिक दवाएं रोग से लड़ने के लिए डिजाइन की जाती हैं, वहीं आयुर्वेदिक औषधियां रोग के विरुद्ध शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं, ताकि आपका शरीर खुद उस रोग से लड़ सके। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए शरीर, मन व आत्मा (स्वभाव) का एक सही संतुलन रखना जरूरी होता है और जब यह संतुलन बिगड़ जाता है तो हम बीमार पड़ जाते हैं।

जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं, आयुर्वेदिक चिकित्सा कई हजार साल पुरानी है। इसीलिए, आज भी इसमें किसी रोग का उपचार या उसकी रोकथाम करने के लिए हर्बल दवाओं के साथ-साथ विशेष प्रकार के योग, व्यायाम और आहार बदलाव आदि की भी मदद ली जाती है। आयुर्वेद पर अतिरिक्त प्रकाश डालते हुए श्री संतोष कुमार निमोरिया उप कमांडेंट 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल जयनगर  ने बताया की हमारे अपने घरों में भी कई सारी आयुर्वेद की चीजें है, बस जानकारी से ही हम उनका सही इस्तेमाल कर सकते हैं। कोरोना काल में सभी ने अपने-अपने घरों से ही आयुर्वेद अपनाकर कोरोना को मात दी थी। आयुर्वेद ने कोरोना बीमारी को हराने में अहम् योगदान दिया।

हल्दी, आंवला, तुलसी, मुलेठी, लौंग, काली मिर्च, लहसून, नीम आदि के सही उपयोग से छोटी-छोटी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है कार्यक्रम के दौरान श्री गोविंद सिंह भंडारी कमांडेंट 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल जयनगर, श्री संतोष कुमार निमोरिया उप कमांडेंट,एवं बल के अन्य 40 कार्मिक उपस्थित थे।

RDNEWS24.COM

Top