NDA सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्षी दल कांग्रेस समेत सत्ता पक्ष के विधायकों में टूट की खबरें मिल रही हैं. कांग्रेस में टूट के खतरे ने ऐसे डराया कि विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया। ऐसा नहीं कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही डरी हुई है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और भाजपा भी संभावित टूट की आशंका से डर गई है. यही वजह है कि दोनों दल अपने-अपने विधायकों पर नजर रखे हुए हैं. भाजपा तो कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है. भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को अपने विधायकों में टूट की आशंका दिखने लगी है.
लिहाजा विधायकों को पटना से बाहर ले जाने की तैयारी है. 11 फरवरी तक विधायकों को उलझा कर रखने की प्लानिंग है । कांग्रेस की राह पर भाजपाः भाजपा के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि नेतृत्व अपने विधायकों पर पूरी तरह से नजर रख रहा है. बुधवार को भोज के बहाने सभी विधायकों को पटना बुलाया गया. विधानमंडल दल के नेता सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के आवास पर भोज के बहाने सभी विधायकों को इकट्ठा किया गया. इसके बाद संगठन से जुड़े नेता सभी विधायकों का हाल-चाल लेते देखे गए. विधायकों की खूब अहमियत दी जा रही थी.
एक और जो बड़ी खबर यह है कि सभी विधायकों को बोधगया ले जाने की तैयारी है. विधायकों से कहा गया है कि 10 फरवरी को बोधगया में प्रशिक्षण कार्यक्रम है, लिहाजा सभी को हर हाल में 9 तारीख की शाम तक बोधगया पहुंच जाना है. 10 को पूरे दिन ट्रेनिंग दी जाएगी. अगले दिन यानि 11 फरवरी को बोधगया से वापस लौटने को कहा गया है. बता दें, बिहार विधानसभा का सत्र 12 फरवरी से शुरू है. पहले दिन ही नई सरकार विश्वास मत हासिल करेगी. इसके पहले सत्ता पक्ष के विधायकों को पूरी तरह से एक रखने की सलाह है।
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