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बिहार में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है ,

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बिहार में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस खुलासे में यह बात सामने आई है कि बिहार में चर्चित रहे चारा घोटाले की तरह बाइक, ऑटो ई रिक्शा और कार को कथित तौर पर विभिन्न घाटों से बालू ले जाने के लिए परिवहन के साधन के रूप में उन्हें उपयोग में लाया गया है. खनन विभाग की लापरवाही के कारण राज्य सरकार को लगभग 355 करोड़  का चूना लगा है. विभागों के बीच कोआर्डिनेशन नहीं होने की वजह से बिहार सरकार को करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है.

यह खुलासा नियंत्रक महालेखा परीक्षक की वित्तीय वर्ष 2020-2021 की रिपोर्ट में हुआ है. शुक्रवार को सीएजी की रिपोर्ट जारी करते हुए महालेखाकार रामावतार शर्मा ने बताया कि 2020 के लिए खनिज राजस्व प्राप्ति का मूल्यांकन  संग्रहण और इसके लिए प्रयोग में लाई गई सभी प्रक्रियाओं की बारीकी से जांच की गई. बिहार के 14 जिलों में बालू परिवहन के लिए जारी किए गए 243811 ई चालान की जांच में लगभग 46 हजार 935 इचालान फर्जी पाए गए. इसमें बाइक, ऑटो ,स्कूटर, कार एंबुलेंस और ई रिक्शा से बालू ढोया जा रहा है ये सरकार पर हसने जैसी हरकत हैं।

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